वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के 22वें संस्करण के मुताबिक दुनिया भर में 61.5 करोड़ हिंदी भाषा बोलते और इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय समझते हैं। जाहिर है हिंदी वेबसाइट और ऐप की मांग बढ़ने की एक बड़ी वजह यह भी है।

प्रौद्योगिकी और इंटरनेट की जुगलबंदी से आगे बढ़ती हिंदी

प्रौद्योगिकी और अंतरजाल यानी इंटरनेट की दुनिया ने एक भाषा के रूप में हिंदी को नई पहचान दिलाने में मदद की है। इंटरनेट पर मौजूद हजारों-लाखों हिंदी ऐप और वेबसाइटों ने हिंदी भाषा की पहुंच को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाया है। यह बदलाव संभव हुआ है यूनिकोड की बदौलत जिससे कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल पर आसानी से हिंदी लिखी और पढ़ी जा सकती है। करीब 31 वर्ष पहले विकसित हुई यूनिकोड ने हिंदी को देवनागरी लिपि में इस्तेमाल करने की सहूलियत प्रदान की है। यूनिकोड ने सेवा प्रदाता और सेवा प्राप्तकर्ता दोनों छोरों पर चुनौतियों को कम किया है।

तकनीकी विषयों के जानकार बालेंदु शर्मा दाधीच कहते हैं, ‘सेवाप्रदाता के रूप में हिंदी में वेबसाइट, ऐ​प्लिकेशन और सॉफ्टवेयर बनाने वालों के लिए चीजें आसान हुई हैं। अब उन्हें केवल एक ही नियम का पालन करते हुए सॉफ्टवेयर तैयार करने हैं। इसके साथ ही उपयोगकर्ता के लिए भी चीजें आसान हुई हैं। अब उन्हें हिंदी पढ़ने या लिखने के लिए अलग फॉन्ट इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें किसी अलग तरह की टाइपिंग सीखने इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय की आवश्यकता भी नहीं है।’ यूनिकोड के आगमन के पहले ऐसा नहीं था। एक समय ऐसा भी था जब कंप्यूटर पर एक-दो नहीं बल्कि 10-15 तरह से टाइपिंग की जाती थी। लोग अपने-अपने ढंग से सॉफ्टवेयर बना लिया करते थे। इसमें मुश्किल यह थी कि एक सॉफ्टवेयर सीखने वाला व्यक्ति दूसरे सॉफ्टवेयर पर काम नहीं कर पाते थे। इन सॉफ्टवेयर का आपस में कोई तालमेल नहीं होता था।

बच्चों पर स्क्रीन टाइम के प्रभाव क्या हैं?

स्क्रीन समय के लाभ

  • ऑनलाइन गेम और गतिविधियाँ कर सकते हैं टीम वर्क और रचनात्मकता बढ़ाएं
  • इंटरनेट बच्चों को सूचना का खजाना प्रदान करता है उनके ज्ञान का निर्माण करने में मदद करें
  • कंप्यूटर के साथ बातचीत दृश्य खुफिया और हाथ से आँख समन्वय दोनों में सुधार करता है
  • टेक्नोलॉजी सामाजिक कनेक्शन के लिए भौतिक बाधाओं को दूर करता है - जो उन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्हें दोस्त बनाना या विशेष रुचियों या विशेष जरूरतों के लिए मुश्किल लगता है।
  • कंप्यूटर वाले घरों में बच्चे अकादमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करते हैं उन साथियों की तुलना में जिनके पास कंप्यूटर तक तैयार नहीं है।
  • बच्चों के लिए परिणाम बेहतर हैं अगर वे कनेक्टेड तकनीक से लाभान्वित होते हैं।

विभिन्न दृष्टिकोणों को देखते हुए

इंटरनेट इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय की सकारात्मक भूमिका

युवा लोग पहचानना आत्म-अभिव्यक्ति, समझ विकसित करने, लोगों को एक साथ लाने और मतभेदों का सम्मान करने और जश्न मनाने के संबंध में इंटरनेट की सकारात्मक भूमिका।

    सम्मान और दयालुता का समर्थन करने और बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय प्रौद्योगिकी का उपयोग करें (जैसे, किसी और की पोस्ट को पसंद करना या साझा करना, सहायक टिप्पणियां पोस्ट करना और ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर करना)। '

सोशल मीडिया का प्रभाव

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं सोशल मीडिया लेता जाता है केंद्र मंच विशेष रूप से जब वे प्राथमिक से माध्यमिक विद्यालय में संक्रमण करते हैं।

    सुझाव देते हैं कि बच्चों का मानना ​​है कि सोशल मीडिया बच्चों की भलाई पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और उन्हें उन चीजों को करने में सक्षम बनाता है जो वे करना चाहते थे, जैसे दोस्तों के साथ संपर्क में रहना और मनोरंजन करना। दूसरी ओर, इसका नकारात्मक प्रभाव तब पड़ा जब इसने उन चीजों के बारे में चिंता की, जिन पर उनका थोड़ा नियंत्रण था

बच्चों के डिजिटल उपयोग के बारे में माता-पिता क्या कहते हैं?

प्रमुख चिंताएं

ऑनलाइन दुनिया को नुकसान पहुंचाने की संभावनाओं के बारे में माता-पिता निम्नलिखित चिंताओं को उजागर करते हैं जो उनके बच्चों को उजागर कर सकते हैं करने के लिए:

  • अजनबियों से बात करना
  • अजनबियों के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा करना
  • बच्चे की मानसिक भलाई पर सोशल मीडिया का प्रभाव

बच्चों को बेहतर समर्थन देने के लिए माता-पिता क्या चाहते हैं?

  • यह समझने के लिए कि अभिभावक नियंत्रण क्या हैं और उनका उपयोग कैसे किया जाए
  • स्वयं के बच्चों से बात करते समय अपनाने के लिए भाषा और स्वर पर अधिक समर्थन
  • ऑनलाइन सुरक्षा जानकारी के लिए एक स्पष्ट गंतव्य
  • संदेश को सुदृढ़ करने के लिए स्कूलों से व्यापक समर्थन

स्क्रीन टाइम के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

हमें अब स्क्रीन टाइम कैसे देखना चाहिए

". 'स्क्रीन टाइम' की कैच-ऑल धारणा के बारे में चिंता करने के बजाय यह ध्यान देना बेहतर हो सकता है कि क्या, कब और क्यों विशेष रूप से डिजिटल गतिविधियां व्यक्तिगत बच्चों की मदद या नुकसान पहुंचाती हैं।"

एक आयामी गतिविधि के रूप में स्क्रीन समय का विचार बदल रहा है-कॉमन सेंस सेंसस: मीडिया यूज़ टुवेंस एंड इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय टीन्स स्क्रीन टाइम के चार मुख्य श्रेणियों की पहचान करता है।

  • निष्क्रिय खपत: टीवी देखना, पढ़ना और संगीत सुनना
  • इंटरएक्टिव खपत: गेम खेलना और इंटरनेट ब्राउज़ करना
  • संचार: वीडियो-चैटिंग और सोशल मीडिया का उपयोग करना
  • सामग्री निर्माण: डिजिटल कला या संगीत बनाने के लिए उपकरणों का उपयोग करना

बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे थे?

वे क्या कर रहे हैं, इसके बारे में आंकड़ें - जब बच्चे स्क्रीन के सामने होते हैं तो बच्चे अलग-अलग चीजें कर रहे होते हैं:इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय

इंटरनेट/ डेटा कॉम सेवाएं

एसटीपीआई 1993 से डेटा संचार सेवा प्रदाता के रूप में अगुआ रहा है । एसटीपीआई-बंगलूरू ने वर्ष 1993 से इन्टेलसैट एफ़ 3 स्टैण्डर्ड अर्थ स्टेशन (ईएस) द्वारा एसटीपी इकाइयों को पहला अंतर्राष्ट्रीय गेटवे के रूप में एनx64 डेटा संचार कनेक्टिविटी प्रदान किया है। एसटीपीआई ने अपने आरएफ़/माइक्रोवेव द्वारा उपभोक्ता परिसर को लास्ट मील कनेक्टिविटी(पॉइंट-टू-पॉइंट) प्रदान करनी इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय शुरू की है। उस समय एसटीपीआई भारत में इन्टरनेट सेवाओं के लिए पॉइंट टू मल्टी पॉइंट माइक्रोवेव रेडियो नेटवर्क प्रदान करने वाल पहला संगठन था। अर्थ स्टेशन के 30 किमी के दायरे में स्थित एसटीपी इकाइयां लाइन-ऑफ़-साईट पॉइंट-टू-मल्टीपॉइंट टीडीएमए माइक्रोवेव लिंक के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।

एसटीपीआई सॉफ्टनेट सेवा प्रदान करता है और गुणवत्ता के प्रति जागरूक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के डेटा संचार की जरूरतों को पूरा करता है। सॉफ्टनेट सर्विसेज नामक एकीकृत नेटवर्क सेवा अपतटीय विकास करने वाले सॉफ्टवेयर निर्यातकों को इंटरनेट लीज्ड लाइन कनेक्टिविटी प्रदान करता है,जिसमें प्वाइंट-टू-पॉइंट इंटरनेशनल प्राइवेट लीज्ड लाइन कनेक्टिविटी (आईपीएलसी) और सॉफ्टलिंक सेवा प्रदान करने वाली सॉफ्टपॉइंट सेवा शामिल है ।

विशेषताएं

सॉफ्टनेट की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • उच्च सुरक्षा और विश्वसनीयता - पॉइंट-टू-पॉइंट और समर्पित लिंक दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से अधिकतम सुरक्षा और विश्वसनीय संचारण प्रदान करता है ।
  • लागत प्रभावी - अंतरराष्ट्रीय संचार में पर्याप्त मात्रा में लागत बचाता है ।
  • एंड-टू-एंड सेवाओं के प्रबंधन के लिए नवीनतम नेटवर्क प्रबंधन टूल का उपयोग किया जाता है ।
  • व्ही.35,ज़ी.703 आदि एंड इंटरफ़ेस उपलब्ध हैं।
  • सभी समर्थन सेवाओं के लिए सिंगल पॉइंट कॉन्टैक्ट।
  • इन्टरनेट में फाल्ट लॉग उपलब्ध है ।
  • सभी स्तरों पर नेटवर्क आधिक्य(अर्थात् संचारण स्तर पर इन्टरनेट गेटवे को अंतिम मील, राउटर, स्विच और कनेक्टिविटी) ।
  • मल्टी-होम गेटवे के साथ सुदृढ़ नेटवर्क।
  • योग्य तकनीकी टीम द्वारा 24x7x365 तकनीकी सहायता।
  • ऑनलाइन बैंडविड्थ आँकड़े,जो बैंडविड्थ के उपयोग की निगरानी करने और भविष्य की उसकी आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाने में ग्राहक को सक्षम करेंगे।
  • आईएसओ / आईएसएमएस / एसएमएस प्रमाणित संगठन।
  • 99.5% से अधिक का सेवा स्तर समझौता अपटाइम।
  • विद्यमान इंटरनेट लीज्ड लाइन सर्विस ग्राहकों के लिए डिमांड सेवा पर बैंडविड्थ।

अंतिम मील कनेक्टिविटी(स्थानीय लूप)

आईटी उद्योग का 90 के दशक के प्रारंभ से ही विकास हो रहा था और बैंडविड्थ की काफी अधिक मांग भी थी। हांलाकि अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ उपलब्ध था, अंतिम मील कनेक्टिविटी की कमी थी। अंतिम मील कनेक्टिविटी की चुनौतियों का सामना करने के लिए एसटीपीआई ने माइक्रोवेव नेटवर्क सुविधा प्रदान किया ताकि ग्राहकों की तत्काल जरूरतों को पूरा किया जा सके। प्वाइंट-टू-प्वाइंट इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय रेडियो नेटवर्क को शामिल कर इस नेटवर्क को और मजबूत किया गया, ताकि अंतिम मील कनेक्टिविटी पर 2 एमबीपीएस या अधिक के बैंडविड्थ की डिलीवरी हो सके।

एसटीपीआई माइक्रोवेव लिंक को डिजाइन करने के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर टूल्स का उपयोग करता है और कार्यान्वयन से पहले इनका इन-हाउस परीक्षण किया जाता है। समय के साथ डेटा संचार के उपयोग के लिए एसटीपीआई सबसे बड़े माइक्रोवेव नेटवर्क में से एक बन गया है और अब एक वास्तविक मल्टी-वेंडर नेटवर्क बन गया है।

इंटरनेट/ डेटा कॉम सेवाएं

एसटीपीआई 1993 से डेटा संचार सेवा प्रदाता के रूप में अगुआ रहा है । एसटीपीआई-बंगलूरू ने वर्ष 1993 से इन्टेलसैट एफ़ 3 स्टैण्डर्ड अर्थ स्टेशन (ईएस) द्वारा एसटीपी इकाइयों को पहला अंतर्राष्ट्रीय गेटवे के रूप में एनx64 डेटा संचार कनेक्टिविटी प्रदान किया है। एसटीपीआई ने अपने आरएफ़/माइक्रोवेव द्वारा उपभोक्ता परिसर को लास्ट मील कनेक्टिविटी(पॉइंट-टू-पॉइंट) प्रदान करनी शुरू की है। उस समय एसटीपीआई भारत में इन्टरनेट सेवाओं के लिए पॉइंट टू मल्टी पॉइंट माइक्रोवेव रेडियो नेटवर्क प्रदान करने वाल पहला संगठन था। अर्थ स्टेशन के 30 किमी के दायरे में स्थित एसटीपी इकाइयां लाइन-ऑफ़-साईट पॉइंट-टू-मल्टीपॉइंट टीडीएमए माइक्रोवेव लिंक के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।

एसटीपीआई सॉफ्टनेट सेवा प्रदान करता है और गुणवत्ता के प्रति जागरूक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के डेटा संचार की जरूरतों को पूरा करता है। सॉफ्टनेट सर्विसेज नामक एकीकृत नेटवर्क सेवा अपतटीय विकास करने वाले सॉफ्टवेयर निर्यातकों को इंटरनेट लीज्ड लाइन कनेक्टिविटी प्रदान करता है,जिसमें प्वाइंट-टू-पॉइंट इंटरनेशनल प्राइवेट लीज्ड लाइन कनेक्टिविटी (आईपीएलसी) और सॉफ्टलिंक सेवा प्रदान करने वाली सॉफ्टपॉइंट सेवा शामिल है ।

विशेषताएं

सॉफ्टनेट की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • उच्च सुरक्षा और विश्वसनीयता - पॉइंट-टू-पॉइंट इंटरनेट पर सबसे अधिक लाभदायक आय और समर्पित लिंक दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से अधिकतम सुरक्षा और विश्वसनीय संचारण प्रदान करता है ।
  • लागत प्रभावी - अंतरराष्ट्रीय संचार में पर्याप्त मात्रा में लागत बचाता है ।
  • एंड-टू-एंड सेवाओं के प्रबंधन के लिए नवीनतम नेटवर्क प्रबंधन टूल का उपयोग किया जाता है ।
  • व्ही.35,ज़ी.703 आदि एंड इंटरफ़ेस उपलब्ध हैं।
  • सभी समर्थन सेवाओं के लिए सिंगल पॉइंट कॉन्टैक्ट।
  • इन्टरनेट में फाल्ट लॉग उपलब्ध है ।
  • सभी स्तरों पर नेटवर्क आधिक्य(अर्थात् संचारण स्तर पर इन्टरनेट गेटवे को अंतिम मील, राउटर, स्विच और कनेक्टिविटी) ।
  • मल्टी-होम गेटवे के साथ सुदृढ़ नेटवर्क।
  • योग्य तकनीकी टीम द्वारा 24x7x365 तकनीकी सहायता।
  • ऑनलाइन बैंडविड्थ आँकड़े,जो बैंडविड्थ के उपयोग की निगरानी करने और भविष्य की उसकी आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाने में ग्राहक को सक्षम करेंगे।
  • आईएसओ / आईएसएमएस / एसएमएस प्रमाणित संगठन।
  • 99.5% से अधिक का सेवा स्तर समझौता अपटाइम।
  • विद्यमान इंटरनेट लीज्ड लाइन सर्विस ग्राहकों के लिए डिमांड सेवा पर बैंडविड्थ।

अंतिम मील कनेक्टिविटी(स्थानीय लूप)

आईटी उद्योग का 90 के दशक के प्रारंभ से ही विकास हो रहा था और बैंडविड्थ की काफी अधिक मांग भी थी। हांलाकि अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ उपलब्ध था, अंतिम मील कनेक्टिविटी की कमी थी। अंतिम मील कनेक्टिविटी की चुनौतियों का सामना करने के लिए एसटीपीआई ने माइक्रोवेव नेटवर्क सुविधा प्रदान किया ताकि ग्राहकों की तत्काल जरूरतों को पूरा किया जा सके। प्वाइंट-टू-प्वाइंट रेडियो नेटवर्क को शामिल कर इस नेटवर्क को और मजबूत किया गया, ताकि अंतिम मील कनेक्टिविटी पर 2 एमबीपीएस या अधिक के बैंडविड्थ की डिलीवरी हो सके।

एसटीपीआई माइक्रोवेव लिंक को डिजाइन करने के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर टूल्स का उपयोग करता है और कार्यान्वयन से पहले इनका इन-हाउस परीक्षण किया जाता है। समय के साथ डेटा संचार के उपयोग के लिए एसटीपीआई सबसे बड़े माइक्रोवेव नेटवर्क में से एक बन गया है और अब एक वास्तविक मल्टी-वेंडर नेटवर्क बन गया है।

भारत में ये है इंटरनेट यूजर का आंकड़ा

भारत में ये है इंटरनेट यूजर का आंकड़ा

देश और दुनिया में बढ़ती तकनीक के आयामों के बीच एक रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में सिर्फ 36 फीसद लोग ही इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं। यह आंकड़ा भौंचक्का कर देने वाला इसलिए भी लग रहा है क्योंकि आजकल लगभग हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन दिख जाता है। स्मार्टफोन बिना इंटरनेट कोई प्रयोग करता रहे ऐसा यकीन करना मुश्किल लगता है।

भारत में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे सस्ता इंटरनेट पैक है, वहीं कड़वी सच्चाई यह भी है कि भारत की दो-तिहाई जनता इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करती है। इसकी जानकारी इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। कुछ अन्य सर्वे में भी सामने आया है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में इंटरनेट प्रयोग करने वालों की संख्या कम है और यह अंतर लगभग दोगुने के आसपास सामने आ रहा है। एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि देश में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इंटरनेट का उतना प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, जितने के कयास लगाये जाते हैं।

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