यूपी : मिड डे मील के तहत चलेगा ‘तिथि भोजन कार्यक्रम, भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक/ विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा होगा तय Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:59 AM Rating: 5

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में स्कूल के छात्रों ने किया शैक्षणिक भ्रमण

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में स्कूल के छात्रों ने किया शैक्षणिक भ्रमण

सिरसा विभिन्न Quotex खाते 21 दिसंबर 2022।

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पंजाब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खैरा खुर्द के छात्रों ने शैक्षणिक भ्रमण किया। इसके तहत उन्हें विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी, यूआईटीडीसी सैल, टैगोर लेक्चर थिएटर, यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर ग्रेजुएट स्टडीज, यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर आउटरीच प्रोग्राम एंड एक्सटेंशन (यूकोप) एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं प्रयोगशालाओं का दौरा करवाया गया।

इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय के विभिन्न क्रियाकलापों एवं गतिविधियों के विषय में जानकारी दी गई। नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के तकरीबन सौ छात्र-छात्राओं के इस दल की अगुवाई करने के लिए उनके साथ उनके स्कूल के छः अध्यापक कृष्ण कुमार, गुरविंदर सिंह, कंवलजीत कौर, संजीव कुमार, गुरतेज सिंह, नरेंद्र कौर मौजूद थे। यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के प्रोफ़ेसर सुशील कुमार ने छात्रों के इस दल एवं उनके अध्यापकों का स्वागत करते हुए उन्हें शिक्षा जगत में हो रहे परिवर्तनों के बारे में बताया।

प्रोफेसर सुशील कुमार ने नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में प्रारंभ किये गये विभिन्न चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न Quotex खाते समूचे हरियाणा में राज्यस्तरीय विश्वविद्यालयों में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय ने ही सर्वप्रथम चार वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शिक्षा एवं शोध से जुड़े हुए विभिन्न कार्यक्रमों में यह विश्वविद्यालय अग्रणी होता जा रहा है। विश्वविद्यालय की टीम की ओर से डॉ अस्मिता, डॉ.सरोज मेहता एवं सुरेन्द्र कुमार इत्यादि शिक्षण एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी मौजूद रहे जिन्होंने छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों, क्रियाकलापों एवं रचनात्मक गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।

छात्र-छात्राओं ने भी इस दौरे का खूब आनंद उठाया एवं अपने भविष्य से जुड़े हुए ढेरों प्रश्न विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों से किए। उनके सभी प्रश्नों का विस्तार पूर्वक उत्तर देते हुए विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने कौशल विकास एवं करियर से जुड़ी हुई विभिन्न दिशाओं के बारे में अवगत करवाया।

Old pension scheme सेवाग्राम से बूटीबोरी निकली बाइक रैली, पुरानी पेंशन योजना को लेकर संकल्प यात्रा

वर्धा. महाराष्ट्र राज्य जुनी पेंशन हक्क संगठन की ओर से पुराने पेंशन की मांग को लेकर संकल्प यात्रा निकाली गई़ रविवार को सेवाग्राम से बूटीबोरी बाइक रैली का शुभारंभ किया गया़ सेवाग्राम आश्रम परिसर से निकली बाइक रैली को कर्मियों का प्रतिसाद मिला़ जिले के साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए कर्मियों का रैली में सहभाग था़ पुरानी पेंशन नाम से केंद्र सरकार तथा अन्य राज्य सरकार से नए प्रावधान किए जा रहे है़ वहीं महाराष्ट्र सरकार किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं कर रही़ पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, तथा अब हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू की़ लेकिन महाराष्ट्र राज्य सरकार टालमटोल भूमिका अपना रही है.

निवृत्ति वेतन नहीं मिलने का लगा रहे आरोप

राज्य सरकार ने 1 नवंबर 2005 व उपरांत नियुक्त कर्मचारियों को 31 अक्टूबर 2005 के वित्त विभाग, महाराष्ट्र सरकार के आदेशानुसार 1982 व 1984 अंतर्गत निवृत्ति वेतन बंद करके विकल्प के रूप में राज्य सरकार की परिभाषित अंशदायी निवृत्ति वेतन योजना विभिन्न Quotex खाते शुरू की़ 27 अगस्त 2014 को यह योजना केंद्र सरकार के राष्ट्रीय निवृत्ति वेतन योजना एनपीएस में शामिल की़ इस नई पेंशन योजना में कर्मियों के वेतन की रकम बाजार में विभिन्न कंपनियों में निवेश कर जिसमें से कर्मचारियों को पेंशन देने की नीति थी़ लेकिन 16 वर्ष के इस डीसीपीएस, एनपीएस योजना का स्वरूप देखते हुए योजना से धोखाधड़ी हुई क्योंकि, 1982 से 1984 के तहत निवृत्ति वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाया जा रहा है.

जल्द से जल्द लागू करने की सरकार से मांग

जल्द से जल्द पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग महाराष्ट्र राज्य पुरानी पेंशन संगठन की ओर से आंदोलन किया जा रहा है़ आंदोलन का नेतृत्व राज्य के अध्यक्ष वितेश खांडेकर, आशुतोष चौधरी के नेतृत्व में सुशील गायकवाड, अनिल वाकडे, हेमंत पारधी, वर्धा जिलाध्यक्ष प्रफुल कांबले, सचिव प्रमोद खोडे, कार्याध्यक्ष आशीष बोटर, महिला आघाड़ी प्रमुख अश्विनी वानखेड़े, अश्विनी इंगोले, सीमा खेडकर, मेरी सालवे, उपाध्यक्ष सचिन शंभरकर, मनोज पालीवाल, रितेश निमसडे आदि का समावेश है.

यूपी : मिड डे मील के तहत चलेगा ‘तिथि भोजन कार्यक्रम, भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक/ विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा होगा तय

बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के तहत ‘तिथि भोजन’ कार्यक्रम चलाया जाएगा। छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराने को इसे लागू किया गया है। तिथि भोजन के तहत छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रत्येक स्थिति में विद्यालय के किचेन-परिसर में ही तैयार किया जाएगा। किसी भी स्थिति में बाहर पकाया हुआ भोजन विद्यालय में वितरित नहीं किया जाएगा। तिथि भोजन के तहत दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक, विद्यालय समिति के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश तिवारी ने डीएम को भेजे गए निर्देशों में स्पष्ट किया है कि यदि समुदाय का कोई सदस्य विद्यालय परिसर में स्थल उपलब्ध होने पर डाइनिंग शेड का निर्माण कराना चाहता है तो एसएमसी के माध्यम से करा सकता है। यदि समुदाय का कोई सदस्य ‘तिथि भोजन के लिए नगद धनराशि देना चाहें तो उसे मध्याह्न भोजन निधि, एसएमसी के खाते में जमा करा दिया जाएगा व बाद में उसका उपयोग किया जाएगा।

निर्देश के तहत आमजन या कोई भी जनता बच्चों को भोजन करा सकता है। बच्चों को भोजन के लिए विद्यालय से बाहर नहीं भेजा जाएगा। वहीं, विद्यालय से भोजन घर ले जाने की अनुमति भी नहीं होगी। जिस व्यक्ति द्वारा भोजन कराया जाएगा, वह स्वयं भी उस तिथि में उपस्थित होगा और स्वयं भी भोजन करेगा।

यदि कोई व्यक्ति ‘तिथि भोजन’ के लिए नकदी देना चाहे तो उसे मध्याहन भोजन निधि/एसएमसी के खाते में जमा कराकर भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यदि एक ही तिथि में कई लोग भोजन कराना चाहेंगे तो प्रधान व विद्यालय प्रबंध समिति तय करेगी कि किस दिन कौन भोजन कराएगा। इसके बाद वह भोजन करा सकता है।

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश तिवारी ने तिथि भोजन को संपूर्ण प्रदेश में लागू करने की बात कही है। आदेश जारी करते हुए उन्होंने तिथि भोजन को मध्याह्न भोजन में मंजूरी दे दी है। विशेष सचिव के मुताबिक, आमजन या कोई भी जनता बच्चों को भोजन करा सकता है। बच्चों को भोजन के लिए विद्यालय से बाहर नहीं भेजा जाएगा। वहीं, विद्यालय से भोजन घर ले जाने की अनुमति भी नहीं होगी।

तिथि भोजन के विभिन्न Quotex खाते तहत दिये जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक/ विद्यालय समिति के सदस्यों द्वारा तय किया जायेगा।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के तहत ‘तिथि भोजन कार्यक्रम चलाया जायेगा। छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए तिथि भोजन के तहत छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रत्येक स्थिति में विद्यालय के किचेन-परिसर में ही तैयार किया जाएगा। किसी भी स्थिति में बाहर पकाया हुआ भोजन विद्यालय में वितरित नहीं किया जाएगा। तिथि भोजन के तहत दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक, विद्यालय समिति के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देश के अनुसार कुछ जनपदों में विद्यालय परिसर में डाइनिंग शेड का निर्माण कराकर आत्मसम्मान के साथ बच्चों को भोजन ग्रहण कराया जा रहा है। यदि समुदाय का कोई सदस्य विद्यालय परिसर में स्थल उपलब्ध होने पर डाइनिंग शेड का निर्माण कराना चाहता है तो एसएमसी के माध्यम से करा सकता है। यदि समुदाय का कोई सदस्य ‘तिथि भोजन के लिए नगद धनराशि देना चाहें तो उसे मध्याह्न भोजन निधि, एसएमसी के खाते में जमा करा दिया जाएगा।

उसके अनुसार ही भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो कि एक ही तिथि में समुदाय के कई लोग भोजन कराना चाहते हैं तो प्रधान-विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के माध्यम से यह निर्णय लिया जाएगा कि किस व्यक्ति द्वारा उस तिथि में भोजन कराया जाएगा। जिस व्यक्ति द्वारा भोजन कराया जाएगा, वह स्वयं भी उस तिथि में उपस्थित होगा और स्वयं भी भोजन ग्रहण करेगा।

स्थानीय रूप से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध ताजे एवं मौसमी फल वितरित किये जा सकते हैं। समुदाय के जो लोग ‘तिथि भोजन कराना चाहते हैं, उनके द्वारा वर्ग, लिंग, जाति में कोई भेद-भाव नहीं किया जाएगा। बाल भोजन के तहत यदि फल, सूखे मेवे वितरित किए जाएंगे, तो उस दिन मध्याह्न भोजन भी जरूर बनेगा। छात्र चाहे तो मध्यावकाश में मध्याह्न भोजन विद्यालय में खाकर मात्र फल सूखे मेवे घर ले जा सकते हैं।

यदि ‘तिथि भोजन के तहत इच्छुक व्यक्ति ऐसा भोजन बनवाना चाहते हैं, जिसमें अतिरिक्त श्रम की जरूरत होगी, तो इसके लिए इच्छुक व्यक्ति द्वारा ही अतिरिक्त रसोइया-हेल्पर की व्यवस्था की जानी होगी। इस रसोइया-हेल्पर की व्यक्तिगत साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी ली जाएगी। उपलब्ध कराये गये भोजन-सहायता का सम्पूर्ण विवरण डोनर का नाम एवं पता, दिवस, प्रकार-मात्रा अनुमानित लागत इत्यादि को एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।

■ तला हुआ भोजन यानी पूड़ी, पराठा, पकौड़ी आदि के साथ ही फास्ट फूड बर्गर, पिज्जा, मैगी आदि का वितरण नहीं होगा। मौसमी फल वितरित किए जा सकेंगे। मिठाइयां और भोजन में दूध से बने खाद्य पदार्थ पनीर, खीर व दलिया को सम्मिलित नहीं किया जाएगा।

नकदी भी दे सकेंगे : यदि कोई व्यक्ति 'तिथि भोजन' के लिए नकदी देना चाहे तो उसे मध्याहन भोजन निधि/ एसएमसी के खाते में जमा कराकर भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यदि एक ही तिथि में कई लोग भोजन कराना चाहेंगे तो प्रधान / विद्यालय प्रबंध समिति तय करेगी कि किस दिन कौन भोजन कराएगा। वहीं, जो व्यक्ति भोजन कराएगा, वह स्वयं भी वहां भोजन करेगा।

फल और मेवे बंटेंगे तो भोजन भी बनेगा : अगर फल या मेवे वितरित किए जाएंगे तो तब भी उस दिन मध्याहन भोजन बनेगा। छात्र चाहे तो भोजन विद्यालय में खाकर फल और मेवे घर ले जा सकते हैं। 'तिथि भोजन' में खाद्यान्न व कन्वर्जन कास्ट का उपभोग नहीं होगा। भोजन कराने वाले लोगों द्वारा वर्ग, लिंग, जाति आदि में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

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Expert Tips: क्या आपका बच्चा झूठ बोलता है? ऐसे बदलें उसकी आदत

kid is speaking lie

बच्चों के लिए कभी-कभी झूठ बोलना एक आम बात है। कभी मजाक में, कभी डर से, कभी कुछ छिपाने के लिए तो कभी अपने से बड़ों को किसी बात पर झूठ बोलता देखकर बच्चे भी इस आदत को अपना लेते हैं। जब बच्चे अक्सर किसी भी बात पर झूठ बोलने लगते हैं तब यह उनकी आदत बन जाती है और माता -पिता के लिए भी इस आदत को बदलना बड़ी समस्या बनने लगता है। एक बड़ा मुद्दा यह है कि यदि आपका बच्चा झूठ बोलता है, तो हो सकता है कि जब वह सच बोल रहा हो तो तब भी आपके लिए उस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाए।

वैसे तो अपने बच्चे को सच बोलने का मूल्य सिखाना व्यक्तिगत जिम्मेदारी, विश्वास और देखभाल के महत्व को स्थापित करता है लेकिन कई बार आप बहुत कोशिश के बाद भी बच्चे के झूठ बोलने की आदत को बदल नहीं पाते हैं। एक्सपर्ट के बताए कुछ आसान तरीकों से आप बच्चे को इस आदत से बाहर निकाल सकते हैं और उसका पूर्ण मानसिक विकास कर सकते हैं। आइए Dr Samir Parikh, Director, Mental Health & Behavioural Sciences, Fortis Healthcare से जानें कि कैसे बच्चे की झूठ बोलने की आदत को बदला जा सकता है।

बच्चों के रोल मॉडल बनें

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डॉक्टर समीर पारिख जी बताते हैं कि बच्चे जब झूठ बोलते हैं तो सबसे पहली बात ये होती है कि वो दूसरों को झूठ बोलते हुए देखते हैं। इसे ऑब्जरवेशन लर्निंग कहा जाता है। माता पिता के लिए और आस-पास के सभी बड़ों को बच्चों के आगे झूठ बोलने से बचना चाहिए। बच्चों के रोल मॉडल बनें और उनके सामने झूठ न बोलें।

समस्या का समाधान ढूंढें

यदि बच्चा कभी कोई गलती करे तो माता -पिता को बच्चे के साथ बैठकर उस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए। कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न हो उसे शांति से सुलझाते हुए समाधान निकालें। पेरेंट्स की इस आदत से बच्चे को हमेशा ऐसा लगेगा कि किसी भी परेशानी को मिलजुलकर सुलझाया जा सकता है और वो झूठ बोलने से बचेगा। (पेरेंटिंग के ये 5 इफेक्टिव टिप्स)

बच्चों को डांटने से बचें

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कई बार बच्चे इसलिए झूठ बोलने लगते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई गलती करने पर उन्हें डांट पड़ेगी। किसी भी तरह की प्रताड़ना से बचने के लिए भी बच्चे झूठ बोलना सीख जाते हैं और ये उनकी आदत में शुमार हो जाता है। बच्चों को इतनी स्पेस दें कि अगर उन्होंने कोई गलती भी की है तो उसे शेयर करने के लिए बच्चों को फ्रीडम दें। बच्चे जब अपनी गलती माता -पिता को बताएं तब उन्हें डांटने या सजा देने की बजाय उनकी तारीफ करें, जिससे वो आगे कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे। इस व्यवहार को शॉपिंग ऑफ़ बिहेवियर कहते हैं।

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हर बात में सच बोलने का नियम बनाएं

अपने परिवार के नियमों और मूल्यों के एक हिस्से के रूप में, एक स्पष्ट घरेलू नियम बनाएं जिसमें सच बोलना भी शामिल होना चाहिए। इससे आपके बच्चे समझेंगे कि आप सच्चाई को महत्व देते हैं। इसके साथ ही बच्चों से कई प्रकार के झूठ और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बात करें। लोगों के झूठ बोलने के विभिन्न कारणों की व्याख्या करें और बच्चों को सच्चाई का महत्व बताएं।

samir parikh quote on child lie habit

बच्चों को जिम्मेदारी दें

कई बच्चे कभी-कभी किसी काम से बचने के लिए भी झूठ बोलते हैं। आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके झूठ को कभी भी बढ़ावा न मिले। इसके बजाय, अपने बच्चों को यह स्पष्ट करें कि आप किसी भी बात की दोबारा जांच करेंगे। बच्चों को (बच्चों को जरूर सिखाएं ये पांच बातें)घर की कोई जिम्मेदारी सौंपें जिससे वो किसी भी काम में व्यस्त रहें और अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए आगे बढ़ें और झूठ बोलने की आदत से बचें।

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बच्चों को झूठ बोलने से बचाने के लिए आप एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स को आजमा सकते हैं और इस आदत को बदल सकते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Best Haryanvi Quotes for haryana divas जित दूध दही का खाना, योहे ते अपना हरियाणा

Best Haryanvi Quotes for haryana divas जित दूध दही का खाना से, बड़े बूढ़ां ताहीं राम राम करकै सर झुकाणा से, रीत रिवाज ब्यौहार पुराणा से, योहे ते भाई अपना हरियाणा से। 1 नवंबर को हरियाणा दिवस इस साल 55वां हरयाणा दिवस मनाया जाएगा। हरियाणा दिवस उस दिन मनाया जाता जब 1966 में पंजाब में से इसको अलग किया गया था। यह दिन 1 नवंबर को हरियाणा में बड़े ही उत्साह और हर्ष से मनाया जाता है।

(Best Haryanvi Quotes for haryana divas)

हरियाणा के सभी राज्य परिसरों और इमारतों को सजाया जाता है। इस दिन विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित की जातीं हैं और लोग उत्साहपूर्वक उनमे भाग भी लेते हैं। हरियाणा दिवस के इस अवसर पर अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों को हरियाणा दिवस 2021 से जुड़े प्यारे-प्यारे मैसेज, कोट्स, एसएमएस, इमेज, व्हाट्सप्प स्टेटस भेजकर हरियाणा डे की शुभकामनाएं दें।

हरियाणवी कोट्स (Best Haryanvi Quotes for haryana divas)

दूध दही का खाना..
ट्यूबवेल नीचे नहाना..
24 घण्टे हुक्का सिलगाना..
रागनिया का गाणा..
बैठक विभिन्न Quotex खाते में ताश बजाणा..
बिना जान-पहचान भाई बताणा..
गर्व से कहो.. आई एम फ्रॉम हरियाणा
…………….
ना सरकार मेरी सै
ना रोब मेरा सै
ना घणा सा नाम मेरा सै
मन्नै तो एक छोटी सी बात का बेरा स
मैं हरयाणे का और हरयाणा मेरा सै
……………..

Haryanvi Quotes for Facebook & WhatsApp

जितना गुड लोग एक साल मैं खावै सै
उतना तो हम हरियाणा आले चाकी अर गंडासे आले पट्टा कै लगा दया सा।

आरै एक बात पूछणी थी
बदमाशी करण का जी करया सै
बाल बड्डे करकै कान्ना पै गेरणे जरुरी सै के ?

सिंगल सु कोए दिक्कत नहीं जमा राजी सुं
पर भीतरला फुकज्या सै जब ईन छोरे छोरीयां नै मैट्रो मैं एक दूसरे की कोली भरे देखूं सु।

गोली ईसी दे दांगे ना तै निगली जागी ना फैकी जागी
बस चूसी जाईयो।

Haryanvi Love Quotes

मन्नै तो बस न्युए कही थी के म्हारे खेत मैं तै बथुआ मत तोड्या कर तु
न्यु बोली के तु मन्नै हर्ट करै सै

सुण
म्हारे गाम मैं नये राशन कार्ड बणन लागरे सै
कहती हो तो तेरा नाम भी चढ़वा दूँ

प्यार मैं कोए छोरी धोखा देज्या जब भी इतना दर्द ना होता
जितणा इस रामदेव आली दवाई नै आंख्या मैं घलवाए पाच्छय होवै सै

मैं कह्या करता ऊसती के छोरी छारी सिगरेट ना पिया करती पर घणी स्याणी सै
ना मानी ईब हाँडै सै तीसरे दिन ईन मूछा नै पडवाती

(Best Haryanvi Quotes for haryana divas)

मन्नै तो बस न्युए कही थी के म्हारे खेत मैं तै बथुआ मत तोड्या कर तु
न्यु बोली के तु मन्नै हर्ट करै सै

तेरै विभिन्न Quotex खाते विभिन्न Quotex खाते इश्क मैं जहर खा कै जान तो मैं भी दे दूँ पर
घर की भी सोचनी पडै सै
मेरे सिवा किसे तै धार ना देती भैंस हाथल होरी सै

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