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निवेशकों को बेहतर प्रतिफल के लिए एलआईसी की उत्पाद रणनीति में बदलाव चाहती है सरकार

निवेशकों को बेहतर प्रतिफल के लिए एलआईसी की उत्पाद रणनीति में सरकार बदलाव चाहती है. वित्त मंत्रालय कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो निवेशकों की पूंजी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं.

Published: October 26, 2022 3:26 PM IST

LIC India

सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की वृद्धि की पूर्ण क्षमता हासिल करने और निवेशकों को बेहतर सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है रिटर्न के लिए अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव के लिए ‘प्रेरित’ कर रही है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

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एलआईसी 17 मई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई थी. तब से कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य 949 रुपये से काफी नीचे आ चुका है. कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 872 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ था. मंगलवार को कंपनी का शेयर 595.50 रुपये पर बंद हुआ.

हालांकि, विदेशी ब्रोकरेज₨ कंपनियां एलआईसी के शेयर को लेकर ‘आशावादी’ हैं. ब्रोकरेज कंपनियों ने अगले साल के लिए कंपनी के शेयर का लक्ष्य काफी ऊंचा तय किया है.

सिटी ने 14 अक्टूबर की एक शोध रिपोर्ट में एलआईसी के शेयर के लिए 1,000 रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी ‘परिपक्व वैश्विक कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है.’

वित्त मंत्रालय कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो निवेशकों की पूंजी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं.

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सूचीबद्धता के साथ 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.’

उन्होंने कहा कि हम प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे अपने उत्पादों की पेशकश का आधुनिकीकरण करें और पॉलिसीधारकों को कम लाभांश का भुगतान करें.

गैर-भागीदारी वाले बीमा उत्पादों में बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों को लाभांश के रूप में अपने लाभ को साझा करने की जरूरत नहीं होती. वहीं भागीदारी वाले उत्पादों में बीमा कंपनियों को बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों को लाभांश देना होता है.

एलआईसी का पहली तिमाही का एकल शुद्ध लाभ 2.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 682.88 करोड़ रुपये हो गया.

एलआईसी के आईपीओ से सरकार को 21,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.

मंगलवार को एलआईसी का शेयर पिछले बंद के मुकाबले 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 595.50 रुपये पर बंद हुआ.

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डोकलाम से पीछे हटने के पीछे ड्रैगन की यह है सबसे सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है बड़ी रणनीति

अमेरिका के वर्चस्व वाले विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को टक्कर देने के लिए चीन के नेतृत्व में यह संगठन बनाया गया था. दिलचस्प बात यह है कि इस समिट में मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मैक्सिको और थाईलैंड को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है.

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

राम कृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2017,
  • (अपडेटेड 31 अगस्त 2017, 1:27 PM IST)

डोकलाम मसले को लेकर लगातार भारत को धमकी देने वाला ड्रैगन आखिरकार इतनी आसानी से पीछे क्यों हट गया? इस सवाल को लेकर विदेश मामलों के जानकार भी उलझे हुए हैं. हालांकि दोनों देशों की मीडिया इसको अपने-अपने देश की कूटनीतिक जीत बता रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि चीन ने खास रणनीति के तहत डोकलाम विवाद को टाला है. दरअसल, तीन सितंबर से चीन के फुजिआन प्रांत के शिआमेन में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) समिट शुरू होने जा रहा है. इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चीन जा रहे हैं.

अमेरिका के वर्चस्व वाले विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को टक्कर देने के लिए बनाए गए इस संगठन में चीन का प्रभुत्व सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है है. इस बार चीन इसकी मेजबानी कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि उसने इस समिट में मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मैक्सिको और थाईलैंड को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है. समिट से ठीक पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भार त के बीच व्यापक सहयोग है. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत और चीन सही रास्ते पर हैं. अचानक चीनी अखबार की बदली भाषा वाकई हैरान करने वाली है.

युआन को ब्रिक्स की मुद्रा बनाना चाहता है चीन

ब्रिक्स को लेकर चीन का कहना है कि इससे पश्चिमी देशों पर निर्भरता कम होगी और सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक सहयोग बढ़ेगा. अब सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है चीन का सबसे बड़ा मकसद युआन (चीनी करेंसी) को ब्रिक्स की आधिकारिक मुद्रा घोषित कराना है. ऐसे में सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है उनको आशंका है कि भारत उसकी इस योजना में खलल पैदा कर सकता है. इसकी वजह यह है कि अगर युआन को ब्रिक्स की आधिकारिक मुद्रा घोषित कर दिया गया, तो सभी सदस्य देशों की उस पर निर्भरता बढ़ जाएगी. इसका सीधा फायदा चीन को होगा. लिहाजा वह इस समिट से पहले हरहाल में भारत से तनाव को टालना चाह रहा था.

अमेरिका से भारत की करीबी से भी चिंतित ड्रैगन

चीन वन बेल्ट वन रोड परियजोना में भारत के बहिष्कार का खामियाजा भुगत चुका है. ऐसे में ड्रैगन इस समिट को लेकर बेहद सतर्कता बरत रहा है. चीन को पता है कि हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के बीच करीबी बढ़ी है. वहीं, चीन और अमेरिका के बीच तनाव गहराया है. अमेरिका ने कई चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. ऐसे में चीन के पास डोकलाम विवाद को टालने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था.

डोकलाम से हटने के सिवाय नहीं था विकल्प

ब्रिक्स समिट के जरिए चीन भारत को वन बेल्ट वन रोड परियोजना में शामिल कराने की फिर से कोशिश कर सकता है. डोकलाम और लद्दाख में घुसपैठ करने के बाद अचानक तनाव को खत्म करने के पीछे चीन की लंबी योजना है. सीमा विवाद को लेकर जिस तरह से ड्रैगन अपने अखबारों के जरिए भारत को लगातार युद्ध की धमकी दे रहा था, लेकिन जब भारत पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ, तो ब्रिक्स समिट से पहले इस विवाद को टालने का उसके पास आखिरी विकल्प यही था कि वह अपनी सेना को पीछे हटाए, ताकि इस समिट में किसी तरह का खलल न पड़े.

निम्नलिखित में से कौन सा समूह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल है?

Key Points

  • विदेशी-मुद्रा भंडार वे भंडार हैं जो किसी देश का केंद्रीय बैंक रखता है, आम तौर पर अमेरिकी डॉलर के रूप में।
  • लाभ / उद्देश्य:
  1. यह अवमूल्यन के समय किसी राष्ट्र की मुद्रा को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  2. यह विदेशी निवेश को आकर्षित करता है।
  3. देश के विदेशी दायित्वों और देनदारियों को पूरा करने में मदद करता है।
  4. केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा की आपूर्ति बाजार को स्थिर बनाती है।
  5. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश की सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है अच्छी छवि बनाए रखना।

Additional Information

  • भारत में जनवरी 2021 तक कुल 590.185 बिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है।
  • भारत विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवा सबसे बड़ा देश है।
  • चीन के पास 3.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ सबसे अधिक विदेशी मुद्रा आरक्षित है।
  • जापान स्विट्जरलैंड के बाद दूसरा सबसे बड़ा धारक है।

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Last updated on Nov 28, 2022

UPSC IAS 2022 DAF-II Form Fill Up begins on 8th December सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है 2022. Candidates selected for the interview round of the UPSC IAS 2022 Exams should fill out the DAF Form by 14th December 2022 by 06:00 pm. UPSC IAS Mains 2022 Results Out. The UPSC IAS (UPSC) Mains examination was conducted on the 16th, 17th, 18th, 24th, and 25th of September 2022. Candidates who are qualified in the mains are eligible to attend the Interview. The candidates are required to go through a 3 stage selection process - Prelims, Main and Interview. The marks of the main examination and interview will be taken into consideration while preparing the final merit list. The candidates must go through the UPSC Civil Service mains strategy to have an edge over others.

Sensex Update: महंगाई की चिंता कम होने से बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 145 अंक और चढ़ा

महंगाई को लेकर चिंता कम होने के साथ घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 144.61 अंक के लाभ में रहा. देश में महंगाई दर में नरमी के साथ अमेरिका में उम्मीद की तुलना में मुद्रास्फीति में अधिक कमी आने से धारणा मजबूत हुई.

Sensex Update: महंगाई की चिंता कम होने से बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 145 अंक और चढ़ा

मुंबई, 14 दिसंबर : महंगाई को लेकर चिंता कम होने के साथ घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 144.61 अंक के लाभ में रहा. देश में महंगाई दर में नरमी के साथ अमेरिका में उम्मीद की तुलना में मुद्रास्फीति में अधिक कमी आने से धारणा मजबूत हुई. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 144.61 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 62,677.91 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह एक समय 301.81 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 52.30 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,660.30 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से लाभ में रहे.

दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘एशिया के ज्यादातर बाजारों में तेजी के साथ निफ्टी में लगातार दूसरे दिन बढ़त रही. नवंबर में थोक मुद्रास्फीति में तेजी से गिरावट से धारणा मजबूत हुई.’’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘दुनिया के प्रमुख देशों में उम्मीद की तुलना में महंगाई में अत्यधिक कमी के साथ आईटी शेयरों की मांग से घरेलू बाजार को गति मिली. अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गयी है. इससे केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर मामले में आक्रामक रुख अपनाने को लेकर संभावना कम हुई है.’’ यह भी पढ़ें : Delhi Acid Attack: छात्रा पर एसिड अटैक मामले में DCW ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, फेडरल रिजर्व नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है लेकिन भविष्य में मुद्रास्फीति और ब्याज दर को लेकर उसका बयान बाजार के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा.’’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा रणनीति क्या है देश में खाने का सामान, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दाम में नरमी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 21 महीने के निचले स्तर 5.85 पर आ गयी है. इससे पहले सोमवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आ गयी थी जो अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत थी. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार में मंगलवार को तेजी रही थी. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 619.92 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.

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