नौकरीपेशा, सेल्फ इम्प्लायड और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए पीपीएफ निवेश के सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है.

क्या EPF के पैसे का लाभ आप बिना TDS जमा किए उठा सकते हैं? जान लें टैक्स से जुड़े यह जरूरी नियम

अगर किसी पीएफ में 2.5 लाख से ज्यादा XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें राशि पीएफ में जमा होती है तो उसके ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा. बता दें कि चालू वित्त वर्ष में अभी 8.5 प्रतिशत PF में जमा राशि पर ब्याज दर मिल रहा है.

By: ABP Live | Updated at : 08 Mar 2022 07:02 PM (IST)

हर व्यक्ति की यह इच्छा रहती है कि वह रिटायरमेंट के बाद एक आरामदायक जिंदगी व्यतीत करें. इसके लिए सरकार द्वारा सरकारी और प्राईवेट सेक्टर के सभी नौकरीपेशा व्यक्ति को लिए एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड की सुविधा दी गई है. इस पीएफ अकाउंट में हर नौकरी पेशा व्यक्ति की 12 प्रतिशत बैसिक सैलरी हर महीने जमा होती है. इसके अलवा जो कंपनी आपको नौकरी दे रहा है वह 12 प्रतिशत पीएफ में जमा करता है. 60 XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें साल की उम्र के बाद नौकरीपेशा व्यक्ति उस पैसे को निकाल सकता है. इसके अलावा किसी आपातकाल की स्थिति में भी आप 60 साल से पहले इस अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं.

सरकार ने पीएफ अकाउंट में टैक्स को लेकर कुछ नियम तय कर रखें हैं. पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने पर अलग-अलग टैक्स प्रावधान है. लेकिन,पीएफ पैसे निकालने के लिए क्या टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानी TDS का पैसा जमा करना अनिवार्य है? क्या बिना टैक्स दिए हम पैसे निकाल सकते हैं? तो चलिए जानते हैं सभी सलालों के जबाव-

1 अप्रैल से हो रहा नियमों में बदलाव
आपको बता दें कि 1 अप्रैल 2022 के बाद अगर किसी पीएफ में 2.5 लाख से ज्यादा राशि पीएफ में जमा होती है तो उसके ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा. बता दें कि चाली वित्त वर्ष में अभी 8.5 प्रतिशत पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज दर मिल रहा है. पीएफ अकाउंट में जमा होने वाली राशि पर टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी. इसके साथ ही सालाना मिलने वाला ब्याज पर आभी कोई टैक्स नहीं लगता है और मैच्योरिटी राशि पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है.

ये है टैक्स के संबंधी नियम-
आपको बता दें कि अगर आप पीएफ अकाउंट के खुलने के पांच साल के अंदर पैसे निकालते हैं तो आपको इस पर टैक्स देना पड़ता है. पांच साल के अंदर पैसे निकालने पर आपको TDS का भुगतान करना पड़ता है. वहीं अगर आप किसी कंपनी में 1 साल परमानेंट रिप्लाई XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें नहीं थें और चार साल परमानेंट रिप्लाई थें तो आपको एसी श्तिति में TDS देना पड़ेगा. अगर आप 5 साल से कम समय में 50 हजार रुपये तक निकालते हैं तो इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. वहीं 50 हजार से ऊपर की राशि पर आप आपको पैमन कार्ड अपडेट होने पर 10 पर्तिशत टैक्स देना पड़ेगा. वहीं पैन कार्ड अपडेट न होने की स्थिति में 30 प्रतिशत तक टैक्स देना पड़ेगा. वहीं फॉर्म 15G/15H जमा पर आपको TDS नहीं देना पड़ेगा. वहीं पैसे XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें लेने के बाद अगर किसी अकाउंट होल्डर की तबीयत खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उससे किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा.

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Published at : 08 Mar 2022 07:26 PM (IST) Tags: epfo tds EPFO Nominee EPFO pensioners हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Bank Rules: बैंक अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद अकाउंट में जमा राशि पर किसका होगा अधिकार? ये है पैसे निकालने का पूरा प्रोसेस

Bank Account: बैंक अकाउंट खोलते वक्त ही आपसे फॉर्म पर नॉमिनी को फील करने का ऑप्शन भरने को कहा जाता है. ऐसे में किसी भी खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके अकाउंट में जमा राशि पर अधिकार नॉमिनी को होता है.

By: ABP Live | Updated at : 15 Feb 2022 12:52 PM (IST)

Bank Account Rules: पिछले कुछ सालों में सरकार ने गांव से लेकर शहरों तक की आबादी को बैंकिंग व्यवस्था (Banking Rules) से जुड़ने पर बहुत ज्यादा जोर दिया है. जन-धन योजना (XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें Jan Dhan Yojana) के तहत तहत 44.58 करोड़ खाते अलग-अलग बैंकों में खोले गए हैं. इससे XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें गरीब और कमजोर आय वर्ग की भी पहुंच बैंकों तक हुई है. लोग अपने जीवन की कमाई का एक बड़ा हिस्सा बैंकों में सेविंग के तौर पर रखते हैं. लेकिन, खाताधारक की अचानक मौत पर कई बार यह लोगों को समझ में नहीं आता है कि यह धन राशि का असली हकदार कौन होगा?

खाताधारक की मृत्यु पर खाते में जमा राशि के लिए यह है नियम
बैंक अकाउंट (Bank Account) खोलते वक्त ही आपसे फॉर्म पर नॉमिनी को फील (Nominee in Bank Account) करने का ऑप्शन भरने को कहा जाता है. ऐसे में किसी भी खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके अकाउंट में जमा राशि पर अधिकार नॉमिनी को होता है. वह बैंक में आकर सारे पैसे निकाल कर अकाउंट बंद कर सकता है. नॉमिनी होने पर खाताधारक की मृत्यु होने पर किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.

नॉमिनी न होने पर क्या है नियम
आपको बता दें कि कई बार खाताधारक अपने अकाउंट में किसी तरह के नॉमिनी को दर्ज नहीं करते हैं. ऐसे में अकाउंट में जमा राशि निकाला थोड़ा मुश्किल हो जाता है. लेकिन, इसके लिए भी आरबीआई (RBI) ने कुछ नियम स्पष्ट किये हैं. इसके मुताबिक अगर किसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके सभी उत्तराधिकारियों को इस पैसे के लिए क्लेम करना पड़ेगा. इसके लिए उत्तराधिकारी को उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Succession Certificate) दिखाना जरूरी होता है. इससे उस व्यक्ति की पहचान खाताधारक के कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में होती है. लेकिन, बता दें कि यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो जाती है. उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र दिखाकर अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं.

ज्वाइंट अकाउंट का यह है नियम
आपको बता दें कि अगर खाताधारक ने अपने अकाउंट को किसी के साथ ज्वाइंट खोला है तो किसी एक खाताधारक की मृत्यु पर दूसरे को सारे पैसे मिल जाते हैं. दूसरा खाताधारक बिना किसी परेशानी के सारे पैसे निकाल सकता है.

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Published at : 15 Feb 2022 12:50 PM (IST) Tags: bank account Banking rules RBI Rules हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें

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ऋणात्मक संख्याएँ एवं पूर्णांक

बैंक के खाते में से 200 रु० नि .

Updated On: 27-06-2022

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Aap ko kya acha nahi laga

बैंक में बैंक के खाते से ₹200 निकाल के गाना दिखाना है बैंक में पैसे जमा करना इसको फेसबुक पर कभी देखेंगे और बैंक में से पैसा निकाल इसको डेबिट बोलते हैं ठीक है यानी पैसे का कट जाना ठीक है बैंक के खाते से बैंक खाते में से ₹200

आप निकाल देना तो इसका मतलब जो आपके बैंक में पैसा है तो पहले से कम हो रहा है उसमें कुछ पैसा कट गया तो कितना पैसा कटेगा

Public Provident Fund : 15 साल बाद पीपीएफ अकाउंट बंद करके पैसे निकाल लें या जारी रखें निवेश, क्या कहते हैं नियम?

पीपीएफ में निवेश की गई राशि, ब्याज और मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली कुल रकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है.

Public Provident Fund : 15 साल बाद पीपीएफ अकाउंट बंद करके पैसे निकाल लें या जारी रखें निवेश, क्या कहते हैं नियम?

नौकरीपेशा, सेल्फ इम्प्लायड और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए पीपीएफ निवेश के सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है.

Public Provident Fund: अगर आप लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट प्लान तलाश रहे हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है. पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको टैक्स बेनिफिट्स तो मिलते ही हैं, साथ ही आपका निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहता है. पीपीएफ में निवेश की गई राशि, XM में पैसे कैसे निकालें और जमा करें ब्याज और मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली कुल रकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है. पीपीएफ की इसी खासियत की वजह से नौकरीपेशा लोगों के साथ ही सेल्फ इम्प्लायड, बिजनेस करने वाले लोगों के लिए यह सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है.

पीपीएफ अकाउंट को 15 साल बाद बंद करा सकते हैं

पीपीएफ अकाउंट को 15 साल के बाद बंद कराया जा सकता है. इसके लिए आपको बैंक में अप्लिकेशन देनी होगी. इस अप्लिकेशन फॉर्म के साथ आपको ओरिजिनल पासबुक और कैंसल्ड चेक जमा करने होंगे. अप्लिकेशन फॉर्म में दी गई डिटेल्स के आधार पर ही बैंक आपके पीपीएफ अकाउंट में जमा रकम को सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करेगा. इसलिए फॉर्म भरते समय सेविंग अकाउंट की डिटेल का खास तौर पर ध्यान रखें.

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मैच्योरिटी के बाद बढ़ा सकते हैं अवधि

अगर आप मैच्योरिटी के बाद भी पीपीएफ में निवेश जारी रखना चाहते हैं, तो पीपीएफ आपको मैच्योरिटी के बाद दोबारा से निवेश का विकल्प देता है. इस विकल्प के जरिए आप 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद इसे पांच-पांच साल की अवधि के लिए कई बार बढ़ा सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा.

अवधि बढ़ाने के लिए करना होगा पहले अप्लाई

अगर आप अपने पीपीएफ निवेश की अवधि को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको मैच्योरिटी से करीब 12 महीने पहले बैंक को पत्र के जरिए इसकी जानकारी देनी होगी. आप अपने पीपीएफ अकाउंट की अवधि को कितनी बार भी बढ़ा सकते हैं.

हर साल जमा करने होंगे मिनिमम 500 रुपये

पीपीएफ अकाउंट की अवधि बढ़ाये जाने के बाद आपको हर साल कम से कम 500 रुपये जमा कराने होंगे. अगर आप मिनिमम राशि को जमा नहीं कराते हैं, तो आपका खाता बंद हो जाएगा, जिसे दोबारे से खुलवाने के लिए आपको 50 रुपए सालाना के हिसाब से पेनाल्टी का भुगतान करना होगा.

पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाले बेनिफिट्स

पीपीएफ पर दी जाने वाली ब्याज की दर को सरकार द्वारा तय किया जाता है. इस प्लान में आप 1.5 लाख रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं. पीपीएफ में निवेश की गई राशि, ब्याज और मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली कुल रकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है.

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