Assumption in Technical Analysis (Technical Analysis की अवधारणा)
स्टोक मार्केट में कुछ Technical Analysis Assumption है जो इसके आधार है, और Technical Analysis के इन Assumption को समझना बहुत जरुरी हो जाता है,अगर बात की जाये की Technical Analysis आखिर का क्या आधार है,
तो Technical Analysis पूरी तरह STOCK के पिछले PRICE DATA पर आधारित है, और आज हम उसी BASE यानी Technical Analysis के पीछे कि अवधारणा के बारे में बात करेंगे,
Technical Analysis का इस बात से कोई लेना देना नहीं है, किसी STOCK का मूल्य उसके BOOK VALUE से बहुत ज्यादा है, या बहुत कम है, यानी STOCK OVERVALUED है या UNDERVALUED,
Technical Analysis पूरी तरह STOCK कि पिछले PRICE DATA की STUDY करने पर आगे STOCK का PRICE कहा जा सकता है, पिछले PRICE DATA के आधार पर STOCK का PRICE बढ़ेगा या घटेगा, पूरी तरह से सिर्फ इसी बात कि संभावना को व्यक्त करता है,
और अगर हम बात करे कि Technical Analysis किस बात पर आधारित है, तो हमें ये याद रखना चाहिए कि Technical Analysis Study नीचे बताये गए चार तथ्यों पर आधारित है, जिसे हम Technical Analysis का ASSUMPTION कहते है,
- Markets discount everything
- The ‘how’ is more important than ‘why’
- Price moves in trend
- History tends to repeat itself
आइये आगे हम इन अवधारणा यानी Technical Analysis के ASSUMPTIONS के बारे में DETAILS में बात करते है-
Markets discount everything-
दोस्तों, Technical Analysis की इस अवधारणा के अनुसार किसी STOCK का PRICE उन सभी बातों से प्रभावित होता है जो उस STOCK से RELATED होती है, भले ही किसी को कुछ पता हो या नहीं , मार्केट में शेयर का भाव, उस STOCK से जुड़ी बहुत सारी बातों को STOCK अपने PRICE में हो रहे CHANGES के द्वारा बताता रहता है,
जैसे- किसी कम्पनी के एक खास आदमी को कंपनी के किसी ऐसे CONTRACT के बारे में पता चलता है, जिस से कंपनी को फायदा होने वाला है, तो वह इस बात का फायदा उठाने के लिए चुपचाप कंपनी के SAHARES को बड़ी मात्रा में खरीदेगा, ताकि जैसे ही उस CONTRACT के बारे में लोगो को NEWS द्वारा पता चलेगा, तो लोग उस SHARES को खरीदेंगे, और इस तरह DEMAND बढ़ने से SHARE का PRICE बढेगा और वह आदमी उस वक्त अपने शेयर को बेच कर लाभ कमा सके,
तो जैसे ही वह बड़ी QUANTIY में SHARES खरीदेगा, तो उस कि इस ACTIVITY से SHARE के PRICE में तुरंत CHANGES आने लगेंगे, और इस तरह एक Technical Analyst इस तथ्य को पहचान लेगा, और वो भी इस मौके का फायदा उठा सकता है.
इस तरह यह इस अवधारणा को स्पष्ट करता है, SHARES का PRICE सब कुछ कहता है, उसे बस समझने कि जरुरत होती है,
The ‘how’ is more important than ‘why’
स्टॉक मार्केट कि इस अवधारणा के अनुसार, Technical Analysis में इस बात पे जोर दिया जाता कि STOCK का PRICE “ कैसे’ कम या ज्यादा हो रहा है, और आने वाले समय में ये किस तरह और कम या ज्यादा हो सकता है,ताकि अवसर देख कर लाभ उठाया जा सके,
ना कि इस बात को समझने कि स्टॉक का PRICE “क्यों” कम या ज्यादा हो रहा है,और आने वाले समय में क्यों कम या ज्यादा होगा.
इसलिए कहा जाता है – कि “Technical Analysis में HOW तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण ज्यादा महत्पूर्ण है, ना कि WHY”
अगर बात कि जाये ऊपर वाले EXAMPLE कि तो यहाँ एक Technical Analyst इस बात कि STUDY करेगा कि, STOCK का PRICE कैसे ऊपर या नीचे जा रहा है,और इस तरह उस STOCK के आने वाले समय में ऊपर या नीचे जाने कि क्या सम्भावना है,
दूसरी तरफ वह यह इस बात का पता लगाएगा यानी वह यह नही पूछेगा कि “ स्टॉक का PRICE क्यों बढ़ रहा है”
Price moves in trend
स्टॉक मार्केट कि इस अवधारणा के अनुसार, Technical Analysis इस बात पे आधारित है कि STOCK हमेशा TREND को FOLLOW करता है, और इसलिए जब मार्केट में एक TREND बन जाता है तो STOCK उस TREND को FOLLOW करता है,
Trend का मतलब एक ऐसा पैटर्न, जो किसी एक दिशा की ओर जाता है , जैसे या तो Trend ऊपर जाएगा, या Trend नीचे जाएगा, या फिर एक Price Range में ही ऊपर नीचे होता रहेगा,
Trend तीन तरह का होता है,
1)Trend जब ऊपर जाता है तो उसे UP Trend कहा जाता है,
2) Trend जब नीचे जाता है तो उसे Down Trend कहा जाता है ,
3) Trend जब ज्यादा ऊपर या ज्यादा नीचे नही जाके, सिर्फ एक छोटे Price Change के Range में तो उसे Sidways Trend कहा जाता है ,
4) History Tend To Repeat Itself
स्टॉक मार्केट कि इस अवधारणा के अनुसार, Technical Analysis इस बात पे आधारित है कि STOCK का PRICE हमेशा एक Pattern और Trend के अनुसार बार बार REPEAT होता है, जैसे एक UPTREND के बाद PRICE में आने वाला CORRECTION, और एक DOWN TREND के बाद CORRECTION या UP TREND,
स्टॉक का PRICE, TREND के अनुसार इस लिए बार बार REPEAT होता है, क्योकि मार्केट में लोग हमेशा किसी STOCK के PRICE पर लगभग एक जैसा REACTION बार बार करते है,
जैसे – अगर MARKET, UP TREND में है, तो सभी लोग बढ़ते भाव को देख कर और खरीदना चाहते है, जिस से भाव बढ़ता जाता है, और अचानक DOWN TREND आने पर सब लोग गिरते भाव को देख कर अपने अपने शेयर्स बेचना चाहते है,
ये HUMAN NATURE है जो बार बार दोहराई जाती है, और इसी कारण SHARE MARKET भी अपने PRICE को एक PATTERN और TREND के अनुसार बार बार REPEAT होता रहता है.
Technical Analysis Assumption बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, इसी के आधार पर पूरा Technical Analysis आधारित है,
FX.co ★ EURGBP M5: बियरिश आयत
M5 के चार्ट के अनुसार, EURGBP से बियरिश आयत बना। इस प्रकार का पैटर्न एक प्रवृत्ति निरंतरता को इंगित करता है। इसमें दो स्तर होते हैं: प्रतिरोध 0.8631 - 0.0000 और समर्थन 0.8643 – 0.0000। यदि प्रतिरोध स्तर 0.8643 - 0.0000 टूट जाता है, तो इंस्ट्रूमेंट बियरिश ट्रेंड का अनुसरण कर सकता है।
जोखिम का खुलासा: विदेशी मुद्रा व्यापार पोर्टल आपको सूचित करता है कि वेबसाइट की सामग्री सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। वेब संसाधन के प्रशासक और प्रबंधन सूचना की सटीकता के लिए वारंट नहीं करते हैं और यह वेबसाइट की सामग्री से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित किसी भी क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। यह ध्यान में रखना चाहिए कि विदेशी मुद्रा पर व्यापार जोखिम का एक उच्च स्तर वहन करता है। विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार करने का निर्णय लेने से पहले, आपको सावधानीपूर्वक उन नुकसानों पर विचार करना चाहिए जो आपको ऑनलाइन व्यापार करते समय उकसा सकते हैं। आपको याद रखना चाहिए कि FX.co की आधिकारिक वेबसाइट पर स्टॉक, इंडेक्स, मुद्राएं और वायदा की कीमतें वास्तविक समय के मूल्यों से भिन्न हो सकती हैं। यदि आपने विदेशी मुद्रा पर पैसा कमाना शुरू करने का फैसला किया है, तो पेशेवरों और विपक्षों का वजन होने पर, आप वेब पोर्टल पर चार्ट, वित्तीय साधनों के उद्धरण, ट्रेडिंग सिग्नल और ट्यूटोरियल सहित उपयोगी जानकारी की एक विस्तृत श्रृंखला पा सकते हैं। FX.co.n से प्राप्त जानकारी के साथ अपनी ट्रेडिंग दक्षता में सुधार करें
Radar Signal Trading System in Hindi: जानिए शेयर मार्केट में रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?
Radar Signal Trading System in Hindi: शेयर बाजार में निवेशकों को अधिक लाभ पहुंचाने के उदेश्य से पिछले कुछ वर्षों में अनेक प्रणालियों का विकस किया गया हैं।रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की उन्ही तकनीकों में से एक है। इस तकनीक की मदत से ट्रेडर को थोड़ी ही देर में शेयर ट्रेडिंग के लिए शेयरों का विश्लेषण करने में मदद मिलती है। आइये जानते हैं शेयर मार्किट में रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है? और Radar Signal Trading System कैसे कार्य करता है?
रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?
रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की एक तकनीक हैं जो तार्किक विश्लेषण के माध्यम से कार्य कराती है। यह एक ऐसी विधि है जो विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न होती है। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का प्रयोग शेयर्स खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए किया जाता है। Radar Signal Trading System उन निवेशकों के लिए है जो शेयर मार्किट की कम जानकारी रखते है या उसके बारे में कुछ नहीं जानते। ये तकनीक निवेशकों को उनकी निवेश की जरूरतों और लक्ष्यों पूरा करने में मदत कराती है। आइये जानते है इस तकनीक की पूरी जानकारी (Radar Signal Trading System in Hindi)
Radar Signal Trading System in Hindi
Radar Signal Trading System गणितीय एल्गोरिदम पर आधारित होता है। इसमें पूर्व निर्धारित सेट किए हुए गणितीय सूत्र होते हैं जिनके आधार पर शेयर के खरीदने या बेचने का सिग्नल भेजा जाता है। Radar Signal Trading System का उपयोग ट्रिगर को खरीदने या बेचने के अलावा, ट्रेड/व्यापार संकेतों के आधार पर अपने पोर्टफोलियों को संशोधित करने के लिए भी तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण किया जाता है। इसके अलावां आप इस तकनीकी का इस्तेमाल से प्रकृति के संकेतकों का उपयोग करके मैनुअल विधियों के आधार पर शेयर का विश्लेषण कर सकते है।
कैसे काम करता है रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम?
शेयर मार्केट में सिग्नल ट्रेडिंग ऑनलाइन ट्रेडिंग में उपयोग की जाने वाली एक बहुत ही सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण प्रणाली है। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से शेयर बाजार से अनावश्यक डेटा को हटा देता है। इससे निवेशकों को केवल उन्हीं शेयरों के बारे में जानकारी मिलती है जो उनकी निवेश आवश्यकताओं और उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस तकनीक में एक पैटर्न के आधार पर शेयर के खरीदने’ और ‘बेचने’ का सिग्नल दिया जाता है। अगर कोई शेयर अपना पैटर्न ब्रेक करता है तो इसका सिग्नल तुरंत आता है जिससे निवेशक सही समय पर फैसला ले सके।
सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का आधार (Common Inputs)
तकनीकी विश्लेषण के लिए रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम में अलग-अलग इनपुट लिए जाते है। इसमें प्रमुख घटक तकनीकी विश्लेषण है के साथ मौलिक विश्लेषण और मात्रात्मक विश्लेषण का भी इस्तेमाल किया जाता है। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम में निम्नलिखित सामान्य इनपुट को शामिल किया जाता है।
Importance of Radar Signal Trading System ( महत्त्व )
सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम आपके पोर्टफोलियो की कैसे मदद कर तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण सकता है और कैसे आपको सही जानकारी दे सकता है इसे निचे विंदुवार समझाया गया है।
- रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम निवेशकों को तुरन्त यह जानने में मदत करता है कि किस स्टॉक ने उच्च या निम्न स्तर पर शुरुआत की हैं।
- यह दर्शाता है कि कौन कौन से शेयर्स ने रेजिस्टेंस स्तर या सपोर्ट स्तर को तोड़ दिया है।
- Radar Signal Trading System से उतार-चढ़ाव के दिनों में वॉल्यूम बदलना आसानी से समझा जा सकता है।
- कई तकनीकी संकेतकों को ट्रैक करने के लिए एक व्यापक सिस्टम प्रदान करता है।
कितना सटीक है रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम?
इस समय पूरी दुनिया में अधिकतर निवेशक सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम निवेशकों को खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए तकनीकी विश्लेषण और मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने में मदद करता है। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में सूचीबद्ध शेयर के कारण सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम के बिना ट्रेडिंग या निवेश मुश्किल है। कहा जाता है कि इस तकनीक से मानवीय त्रुटि को दूर किया गया है लेकिन इनमें कई ऐसी विधियां है जो पूर्ण रूप से प्रमाणित नहीं हैं। इसलिए किसी भी सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
FAQs: Radar Signal Trading System in Hindi
Q: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का उदेश्य क्या है?
Ans: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की उन्ही तकनीकों में से एक है जिसे निवेशकों को सही सिग्नल देने के उदेश्य से बनाया है।
Q: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?
Ans: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम एक ऐसी तकनीक है तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण जो विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न होती है और इसका प्रयोग खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए किया जाता है।
Q: रडार सिग्नल मेटाट्रेडर 4 क्या है?
Ans: रडार सिग्नल मेटाट्रेडर 4 एक रडार सिग्नल की तकनीक है जो सिग्नल तक उपयोगकर्ता की पहुंच प्रदान करता है। यह निवेशकों को अपने स्वंय के सिग्नल बनाने का विकल्प प्रदान करता है।
Gold Silver Technical Analysis 18th Feb 2020: सस्ते भाव पर मिल रहा है सोना और चांदी, शाम को बढ़ सकते हैं भाव
Gold Silver Technical Analysis 18th Feb 2020: एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के अनुसार 1 घंटे के टेक्निकल चार्ट पर शाम के सत्र में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी की संभावना दिखाई पड़ रही है. अनुज का कहना है कि सोने में निचले स्तर से रिकवरी दर्ज की जा सकती है. सोने का RSI पॉजिटिव ट्रेंड की ही ओर इशारा कर रहा है. इसके अलावा तकनीकी चार्ट पर सोने में बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Candlestick Pattern) बनता हुआ दिख रहा है.
सोने में 40,900 रुपये के भाव पर करें खरीदारी: अनुज गुप्ता
अनुज गुप्ता के मुताबिक टेक्निकल चार्ट पर MCX पर सोने में सपोर्ट लेवल 40,650 रुपये-40,900 रुपये और 41,300 रुपये-41,550 रुपये का रेसिस्टेंस है. उनका कहना है कि शाम के सत्र में MCX पर सोना अप्रैल वायदा में 41,300 रुपये-41,500 के लक्ष्य के लिए 40,900 रुपये के भाव पर खरीदारी कर सकते हैं. इस सौदे के लिए 40,650 रुपये का स्टॉपलॉस लगाया जा सकता है.
चांदी में खरीदारी का अवसर
अनुज गुप्ता का कहना है कि 1 घंटे के प्राइस चार्ट पर चांदी में मजबूती की संभावना है. चांदी में बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बन रहा है. इसके अलावा चांदी की RSI तेजी को दर्शा रही है. उनका कहना है कि आज के कारोबार में चांदी में सपोर्ट लेवल 45,950 रुपये-46,200 रुपये और रेसिस्टेंस लेवल 46,800-47,200 रुपये है.
चांदी में 46,200 रुपये पर खरीदारी करें: अनुज गुप्ता
अनुज गुप्ता का कहना है कि MCX पर चांदी मार्च वायदा में 46,800-47,000 रुपये के लक्ष्य के लिए 46,200 रुपये के भाव पर खरीदारी कर सकते हैं. इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 45,950 रुपये का तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.
(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)
कैंडल चार्ट क्या होता है कैंडल चार्ट को कैसे समझें
दोस्तों आज हम बात करेंगे शेयर बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट क्या होता है। Candlestick chart शेयर बाजार में स्टॉक्स में हो रही खरीद बिक्री को लाल और हरे कैंडल में दर्शाते हैं। यहां पर हर एक हरे कैंडल का मतलब खरीददारी और लाल कैंडल का मतलब बिकवाली होता है। शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए कैंडल चार्ट बहुत महत्वपूर्ण है। और यह कीमतों के परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए बहुत मायने रखता है।
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कैंडलेस्टिक चार्ट |
कैंडलेस्टिक चार्ट को कैसे समझें
जैसा कि आप अगर शेयर बाजार में व्यापार करते हैं या करने में रुचि रखते हैं तो कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को सीखना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप एक समुचित ढंग से टेक्निकल एनालिसिस कर सकेंगे। बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट अपने पिछले Trade की गतिविधियों को दर्शाता है जहां से आपको टेक्निकल एनालिसिस में सपोर्ट aur रेजिस्टेंस, ट्रेंड लाइन अन्य पैटर्न देखने को मिलते हैं इसके के आधार पर हम अगले ट्रेडिंग सेशन के लिए अपने strategie के अनुसार रणनीतियां बनाते हैं। शेयर बाजार में अधिकतर ट्रेडर्स candlestick pattern के आधार पर ही बाजार में अपना सौदा या Trade करते हैं।
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Candlestick chart list |
Candlestick chart में कुछ फेमस कैंडल के नाम
- SHOOTING STAR
- HAMMER
- DOJI
- PAPER UMBRELLA
- SPINNING TOPS
- MARUBOZU
- ENGULFING CANDLE
- MORNING STAR
- HARAMI
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कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस |
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे करें।
अगर आप शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडर है या फिर डे ट्रेडर में रुचि रखते हैं तो आपको कैंडलेस्टिक चार्ट पढ़ना बहुत जरूरी है। यह किसी भी शेयर का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। इसे सीखने के लिए आप बाजार में मोमेंट, ट्रेंडलाइन ब्रेकआउट, ब्रेकडाउन, सपोर्ट और रजिस्टेंस इन चीजों को देखकर आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है
शेयर की प्रत्येक कैंडल बाजार के मूल्य की गतिशीलता को प्रदर्शित करती है
HIGH, LOW, OPEN, और CLOSE
अगर आप कैंडल स्टिक चार्ट का बखूबी विश्लेषण करना जानते हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं।
इंट्रा डे ट्रेडर के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट उपयोग करने के 2 कारण होते हैं
1 Trade नियंत्रण में मदद
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय अपने जोखिम को जानना बहुत जरूरी है। कैंडलेस्टिक चार्ट की मदद से आप आपकी चल रही पोजीशन को रखने या बंद करने और जोखिम के साथ लाभ और नुकसान को प्रतिबंधित कर सकते हैं। इससे आपको स्टॉप लॉस और टारगेट को जानना आसान होता है।
2 Entry और Exit जानने में मदद
Candlestick pattern का विश्लेषण करके आप या जान सकते हैं कि मोमेंटम, ब्रेकआउट या ट्रेंड के आधार पर बाजार में एंट्री करें या बाजार में टिके रहे या बाजार से बाहर निकले या निकलने का सही समय निर्धारित करता है। इन सभी तरीकों को सीख कर आपको शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग करने में मदद मिलेगी।
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